इस आर्टिकल में हम बात करेंगे गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द का कारण और उसके निवारण के बारे में गर्दन के पिछले हिस्से के दर्द को आमतौर पर सर्वाइकल कहा जाता है gardan ke piche dard hone ka karan,,गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द का कारण क्यों और कैसे होता है किन गतिविधि की वजहgardan ke piche dard hone ka karan,,गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द का कारण बनता है और किन किन गतिविधियों में सुधार करकेgardan ke piche dard hone ka karan,,गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द को आम तौर रोंक सकते है
गर्दन के दर्द का कारण -
गर्दन के दर्द के कई कारन हो सकते है सबसे पहला कारण गलत तरीके के आसन से सोना गर्दन के दर्द को यानि की ग्रीवा के दर्द को सर्वाइकल दर्द भी बोला जाता है आज के युग सामान्यतया लोगों कि दिनचर्या का आधे से ज्यादा समय मोबइल या लैपटॉप की स्क्रीन पर ब्यतीत होता है जिसके कारन गर्दन की नसे veins का खिचाव होने कारन veins में रक्त के संचार में संतुलन न होने के कारन और रात में सोते समय सामान्यतः गर्दन का गलत तरीके से मुड़ना यह भी गर्दन दर्द की एक समस्या है अधिकतर लोग तकिये का इस्तेमाल करते लेकिन तकिया ज्यादा ऊँचाइ की होने कारन भी gardan ke piche dard hone ka karan हो सकता है और लसिका अंगो थाइराइड ग्रंथि पैराथायराइड ग्रंथि में कुछ रचनात्मक समस्या भी हो सकती है
गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द के लक्षण -
gardan ke piche dard hone ka karanगर्दन के पिछले हिस्से में दर्द का समान्य लक्षण हल्का और मीठा दर्द इस रोग के सुरुवाती दौर में अगर रोग काफी पुराना है तो दर्द gardan ke piche dard hone ka karan गर्दन से ऊपर शिर की तरफ तेज दर्द और शिर दर्द भी होता है सर्वाइकल दर्द अलग अलग हिस्सों पर अक्सर होता रहता है gardan ke piche dard hone ka karanगर्दन के पीछे
दर्द होने के कुछ अन्य लक्षण भी है
जैसे - लिम्फ नोड सूजन , सर में तेज आवाज , चक्कर आना ,स्पंदन प्रकाश हीनता अचानक से तेज तीब्र दर्द सर दर्द इत्यादि लक्षण होते है
गर्दन में दर्द का निदान - गर्दन के गंभीर दर्द के मामले में एक डाक्टर ही स्थिति परिस्थिति को देखकर निदान कर सकता है लेकिन आमतौर पर गर्दन के दर्द के उपचार में सामान्य आराम के लिए व्यायाम और फिजियो थेरिपी शामिल है